चित्रकूट जिले के रैपुरा थाना क्षेत्र में प्रेम-प्रसंग की एक दिल दहलाने वाली घटना का पर्दाफाश हुआ है, जहाँ एक पत्नी ने अपने प्रेमी और उसके साथी के साथ मिलकर पति की गला घोंटकर हत्या कर दी। न्यायालय ने मंगलवार को इस हत्याकांड में दोषी पाए गए तीनों अभियुक्तों – पत्नी रानू उर्फ रागिनी, प्रेमी देवेन्द्र कुमार उर्फ शानू और उसके सहयोगी कन्हैयालाल उर्फ कंधई को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह ने बताया कि यह मामला 7 मार्च 2021 को सामने आया था, जब थाना रैपुरा में सूचना दी गई कि ग्राम कपुरी के बाहर सड़क मार्ग पर एक युवक की हत्या कर शव फेंका गया है। मृतक की पहचान शारदा प्रसाद उर्फ अतुल उर्फ भुरैया पुत्र सत्यनारायण निवासी कपुरी के रूप में हुई। घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक मोटरसाइकिल भी बरामद हुई, जो इस हत्याकांड की साजिश की पहली कड़ी बन गई।
शुरुआती जांच में मृतक की पत्नी रानू उर्फ रागिनी ने अज्ञात के विरुद्ध तहरीर दी थी, लेकिन जब पुलिस ने मोटरसाइकिल की जानकारी निकाली तो पता चला कि वह पहाड़ी क्षेत्र के नांदी तौरा गांव निवासी कन्हैयालाल की है। गहराई से जांच करने पर देवेन्द्र कुमार नाम का एक युवक सामने आया, जो पहले किसी अन्य आपराधिक मामले में फरार चल रहा था और इसी दौरान मृतक के घर में शरण लिए हुए था। वहीं से उसकी मृतक की पत्नी रानू से नजदीकियां बढ़ीं और दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए।
देवेन्द्र जेल भी गया और जमानत पर बाहर निकलने के बाद रानू से दोबारा संपर्क किया। इस दौरान दोनों ने मिलकर शारदा की हत्या की योजना बनाई। देवेन्द्र ने अपने मित्र कन्हैयालाल को पैसों का लालच देकर इस साजिश में शामिल किया और तीनों ने रात्रि में मिलकर रानू के घर में शारदा की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को सड़क दुर्घटना का रूप देने के लिए कर्वी-प्रयागराज रोड पर फेंकने जा रहे थे, लेकिन ग्रामीणों को देख शव और बाइक छोड़कर भाग गए।
पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर तीनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। लम्बी सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम अनुराग कुरील ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। यह मामला न केवल कानून और समाज के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि रिश्तों में विश्वास की जगह जब लालच, धोखा और लालसा ले लेती है, तो नतीजा सिर्फ अदालत की कठोर सजा ही नहीं होता – यह पूरे सामाजिक तानेबाने पर गहरा आघात है।