Home जनता की आवाज़ बाल्मीकि नदी पुल निर्माण में भारी घोटाला उजागर, पहली बारिश में बहा...

बाल्मीकि नदी पुल निर्माण में भारी घोटाला उजागर, पहली बारिश में बहा एप्रोच मार्ग

0

चित्रकूट जिले के बघवारा-हरदौली मार्ग पर बाल्मीकि नदी पर बन रहा बहुप्रतीक्षित दीर्घ सेतु अब निर्माणीय लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गया है। 623 लाख रुपये की लागत से बन रहा यह पुल पहली ही भारी बारिश में तकनीकी कमियों के चलते क्षतिग्रस्त हो गया। 12 जुलाई को तेज बारिश और जलप्रवाह के कारण पुल के बघवारा की ओर बना लगभग पांच मीटर लंबा एप्रोच मार्ग पूरी तरह बह गया, जिससे ग्रामीणों का संपर्क टूट गया और यह करोड़ों की परियोजना सवालों के घेरे में आ गई।

घटना के तुरंत बाद जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन ने मामले का संज्ञान लेते हुए 15 जुलाई को तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। इस समिति में ग्राम्य विकास अभिकरण के सहायक अभियंता, लघु सिंचाई के अधिशासी अभियंता और उप जिलाधिकारी राजापुर को शामिल किया गया। समिति ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण किया, जहां उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड की सेतु निर्माण इकाई, बांदा के उप परियोजना प्रबंधक सीपी दिवाकर और सहायक अभियंता आनंद कुमार पंकज भी उपस्थित थे।

जांच में सामने आया कि एप्रोच रोड की साइडवाल बिना किसी नींव के ऊपरी सतह पर बना दी गई थी, जिससे वह तेज जलप्रवाह में बह गई। इसके अलावा मिट्टी की समुचित कंपैक्शन नहीं की गई थी, साइट स्लोप का निर्माण तकनीकी मानकों के अनुरूप नहीं था, और पिचिंग कार्य अधूरा छोड़ा गया था। डाउनस्ट्रीम साइड की बिंगवाल भी क्षतिग्रस्त अवस्था में पाई गई, जिससे स्पष्ट हो गया कि निर्माण कार्यों में गंभीर लापरवाही की गई है।

जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया ठेकेदार के साथ-साथ उप परियोजना प्रबंधक, सहायक अभियंता और अवर अभियंता की लापरवाही चिन्हित की गई है। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना अभी शासन को हस्तांतरित नहीं हुई है और संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।

इस लापरवाही के उजागर होने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि निर्माण कार्य समय पर सही तरीके से और तकनीकी मानकों के अनुसार किया गया होता, तो यह क्षति नहीं होती। बघवारा, हरदौली, बसहिया, रमौली सहित आस-पास के गांवों के लोग इस पुल पर निर्भर थे, और अब उनकी दैनिक आवाजाही तथा आपातकालीन आवश्यकताएं बाधित हो गई हैं।

यह घटना न केवल निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और निगरानी पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि करोड़ों की सार्वजनिक योजनाएं किस तरह लापरवाही की भेंट चढ़ जाती हैं। प्रशासन ने प्रारंभिक स्तर पर कार्रवाई तो शुरू कर दी है, लेकिन अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई कब तक और किस स्तर तक होती है।

Previous articleरैपुरा रासलीला: आशिक़ों की जोड़ी और पति की मौत की साजिश! – मोहब्बत की मैजिक बाइक और गला घोंटू इश्क़ का अंत
Next articleबाढ़ राहत या मज़ाक? मानिकपुर में पीड़ितों से सिर्फ अंगूठा लगवाया, खाली हाथ लौटे ग्रामीण
C P Dwivedi
लेखक परिचय : चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी हैऔर शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।

No comments

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version