Home बड़का पंडित की बकैती “ज्ञापन नगरी राजापुर”

“ज्ञापन नगरी राजापुर”

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तुलसी जन्मे जहाँ, वहाँ अब तुलसी भी घबराए,
राजापुर की माटी आज, विकास को तरसाए।
कथा-कीर्तन, मेले-घंटा, बस यही पहचान,
बाकी सब तो ले चुके हैं वादों की थाली में मान।

हर बरस कोई मंत्री आता, करता ज्ञापन ग्रहण,
“रेल चलेगी”, “बस बनेगा”, सुन के जनता जले मन।
सर्किट हाउस में चाय पिए, फिर आश्वासन छोड़ दे,
जैसे तुलसीदास की धरती को बस बासी भाषण भाए।

ब्लॉक का दर्जा कब मिलेगा? ये प्रश्न हुआ पुराना,
नेता बोले—”योजना है”, अफसर बोले—”फसाना!”
बस अड्डा आज भी सपना, यात्री धक्के खाते,
यमुना किनारे घाट कटे, तटबंध बहते जाते।

राजापुर के ज्ञापनबाज, हर बार मंच सजाते,
“बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं”, कहके फोटो खिंचवाते।
कभी बैनर, कभी मोमबत्ती, कभी धरना दो-घंटा,
और अगले दिन फेसबुक पे—”हमने फिर ज्ञापन दिया सच्चा!”

कई समाजसेवी निकले, भाषण में लहकते हैं,
विकास पे सवाल पूछो तो—“तुम विरोधी दिखते हैं!”
कोई पत्रकार चमचा बना, कोई नेता की पेंदी,
कस्बा रह गया पीछे, बस बातों की ब्रेकिंग ट्रेंडी।

तुलसी की नगरी में अब तुलसी कम, तमाशा ज़्यादा,
“रामचरित” नहीं, अब राजनीति की झाँकी आधा-आधा।
अस्पताल का भवन खंडहर, स्कूल में शिक्षक तीन,
यहाँ विकास मरे रोज़, ज्ञापन करते शमशान की सीन।

राजापुर पूछे रो-रो कर—”कब तक यूँ ही ठगा जाएगा?”
“राम नाम पर कब तक नेता मलाई खाएगा?”
कोई तो हो जो लाए रेल, रोके घाट की कटाई,
तुलसी की धरती पर अब सच्ची सेवा की आए छाया।

पर तब तक के लिए—
ज्ञापन बनाओ, नेता बुलाओ, चाय पिलाओ, फोटो खिंचाओ,
फिर फेसबुक पर लिख दो— “हमने विकास की लौ जलाओ!”

– बड़का पंडित

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C P Dwivedi
लेखक परिचय : चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी हैऔर शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।

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