चित्रकूट। तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति शोध संस्थान द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया । संस्थान के सचिव चन्द्र प्रकाश द्धिवेदी ने बताया कि 21 जून 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति शोध संस्थान चित्रकूट में किया गया। यह भी बताया गया कि इस वर्ष 9 वां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाभ्यास किया गया । प्राणायाम, मुद्राभ्यास, सन्धियोग, योगासन और सूर्य नमस्कार की सभी क्रियायें एवं आसन सिखाया गया । विवेकानंद जी के विचार थे कि भारत को तभी नए सिरे से मजबूत किया जा सकता है, जब व्यक्तित्व निर्माण में योग को नियमित रूप से जोड़ा जाए। योग के माध्यम से एक व्यक्ति को समाज से जोड़ने की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। जिसमें शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। विगत 9 वर्षों से 21 जून को पूरा विश्व योग दिवस के रूप में मना रहा है। योग का संदेश पहुंचे, और जो योग हमारी प्राचीन जीवनशैली का हिस्सा था, वह फिर से हमारी दैनिक दिनचर्या में शामिल हो सके।

तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति शोध संस्थान द्वारा मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
By C P Dwivedi
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लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।