चित्रकूट। मऊ-मानिकपुर विधानसभा के पूर्व भाजपा विधायक आनंद शुक्ला के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करने के मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चित्रकूट निवासी प्रवीण मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामला ‘मोहिनी शुक्ला’ नामक फर्जी सोशल मीडिया आईडी से जुड़ा है, जिसके माध्यम से पूर्व विधायक के संबंध में भ्रामक और अभद्र पोस्ट की जा रही थीं।
बरगढ़ निवासी भाजपा मंडल महामंत्री आकाश द्विवेदी ने थाना बरगढ़ में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने जानबूझकर पूर्व विधायक की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से भड़काऊ और अपमानजनक पोस्ट की हैं। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
साइबर सेल की जांच में खुलासा हुआ कि उक्त फर्जी अकाउंट का संचालन प्रवीण मिश्रा नामक व्यक्ति कर रहा था, जो मूल रूप से चित्रकूट का निवासी है और कुछ समय से गुजरात में रह रहा था। पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसके बाद उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, जनप्रतिनिधि की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और समाज में वैमनस्य फैलाने से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आगे की जांच में उसकी अन्य ऑनलाइन गतिविधियों की भी पड़ताल की जाएगी।
एसपी चित्रकूट ने बताया कि आरोपी प्रवीण मिश्रा के खिलाफ गुण्डा एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाएगी। इस पूरे प्रकरण ने जिले में सोशल मीडिया के दुरुपयोग और राजनीतिक व्यक्तित्वों की छवि खराब करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर नई बहस छेड़ दी है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों या राजनीतिक दलों से मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन अभद्रता, भ्रामक जानकारी और फर्जी आईडी के माध्यम से की जाने वाली पोस्ट सामाजिक रूप से निंदनीय हैं।
क्या थे मोहिनी शुक्ला उर्फ प्रवीण मिश्रा के आरोप?
फर्जी आईडी ‘मोहिनी शुक्ला’ से पूर्व विधायक आनंद शुक्ला और उनके समर्थकों पर यह आरोप लगाए गए थे कि वे महिलाओं के नंबरों पर अभद्र कॉल करते हैं और अनुचित व्यवहार करते हैं। पोस्ट में दावा किया गया कि ऐसे कथित कृत्यों के ऑडियो, वीडियो और रिकॉर्डिंग मौजूद हैं और उन्हें सार्वजनिक करने की धमकी दी गई थी।
इसके अतिरिक्त, उक्त आईडी से यह भी आरोप लगाया गया कि पूर्व विधायक का एक महिला कर्मचारी के साथ अनुचित संबंध है और जातिगत टिप्पणी करने की बातें कही गईं। पोस्ट में यहां तक कहा गया कि “सत्यापन के लिए डीएनए टेस्ट भी कराया जा सकता है।” इन गंभीर और असत्यापित आरोपों ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने संबंधित व्यक्ति से खुद को अलग करने की घोषणा भी की थी।
फिलहाल, पुलिस जांच जारी है और अधिकारी यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि इस फर्जी अकाउंट के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल थे या तकनीकी सहायता दे रहे थे।




