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टीकमगढ़ के सुप्रसिद्ध भजन गायक पवन तिवारी ने एक बार जो रघुवर की नजरों का इशारा हो जाये भजन से दर्शकों में बांधा समा
चित्रकूट 28 अक्टूबर 2023/ दीनदयाल शोध संस्थान एवं चित्रकूट क्षेत्र की जनता जनार्दन के सहयोग से भारत रत्न नानाजी देशमुख के जन्मदिवस शरद पूर्णिमा के अवसर पर पारम्परिक एवं समकालीन कलाओं पर केन्द्रित त्रिदिवसीय शरदोत्सव का आयोजन 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक किया जा रहा है। जिसके प्रथम दिवस का शुभारम्भ कामदगिरि मुखारविंद के महंत श्री मदन दास जी महाराज, जानकी महल आश्रम के महंत श्री सीता शरण जी, सती अनसुइया आश्रम के महंत श्री पवन बाबा, दिगंबर अखाड़ा के महंत श्री दिव्य जीवन दास जी एवं रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति डॉ एके सिंह, अटारी जबलपुर के निदेशक डॉ एसआरके सिंह, झांसी से डॉ सुशील चतुर्वेदी, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति प्रो कपिल देव मिश्र,महात्मा गाँधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ भरत मिश्रा ,रतलाम के समाज सेवी मोहनलाल मुरली वाला, पदम श्री उमाशंकर पांडे, समाजसेवी चूड़ामणि सिंह, दिल्ली से डॉ अमित गोस्वामी, समाजसेवी वीरेंद्र चतुर्वेदी द्वारा राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के 107वें जन्मदिवस शरद पूर्णिमा पर उनके चित्र के समक्ष पुष्पार्चन व दीप प्रज्वलन के साथ विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर हुआ। इस अवसर पर दीनदयाल संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन, संगठन सचिव अभय महाजन, कोषाध्यक्ष बसंत पंडित तथा महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ भी उपस्थित रहे।
प्रथम दिवस की सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ रवि सिंह एवं राजाराम पाण्डेय की प्रस्तुतियां गाइये गणपति गजवन्दन, सीताराम बोल पंक्षी सीताराम बोल, अनुपम माधुरी जोड़ी हमारी श्याम श्यामा की भजनों से हुई। उसके बाद अम्रता देवी एवं नम्रता देवी की जोड़ी ने हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की प्रस्तुती ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिर स्नेहा पाण्डेय व खुशी पाण्डेय के भजन छाप तिलक सब छीनी के बाद सारे गामा प की प्रतिभागी मानसी पाण्डेय द्वारा हनुमान लला मेरे प्यारे लाल सुकुमार लला, राम लक्ष्मण जानकी जय बोलो हनुमान की , चदरिया झीनी रे झीनी भजन की शानदार प्रस्तुती दी। अंत में सुप्रसिद्ध भजन गायक सोनू तिवारी मुंबई और पवन तिवारी टीकमगढ़ ने मंच संभाला। सोनू तिवारी ने आये गोवर्धन गिरिधारी, राम नाम आधार सुने जो जग में राह बनाते है, जिन पर कृपा करें राम जी पत्थर भी तर जाते हैं , एक बार जो रघुवर की नजरों का इशारा हो जाये आदि भजनों से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। देर रात्रि तक एक के बाद एक भजनों से नाना जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
भारत रत्न नानाजी देशमुख जब तीन दशक पूर्व चित्रकूट आएं थे तब पानी क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक था। उस समय नानाजी ने गांव के लोगों के पुरुषार्थ और श्रम साधना से ही जल संरक्षण की दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य करके दिखाएं थे। शरद पूर्णिमा पर उनके 107 वे जन्मदिवस पर शरदोत्सव कार्यक्रम के मंच से अतिथियों द्वारा बुंदेलखंड के हमीरपुर में 70 एकड़ में प्रस्तावित दुनिया के पहले जल विश्वविद्यालय के लिए अवधारणा पत्रक का विमोचन करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शरदोत्सव के ही मंच पर सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के पूर्व छात्र सुभद्र देव सिंह द्वारा रचित पुस्तक ‘स्वातंत्र्य सरोवर के पद्म’ का विमोचन भी मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।
प्रथम दिवस की सांस्कृतिक संध्या का आभार व्यक्त करते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने कहा कि लोक संस्कृति, लोककलाओं और अन्य लोक विधाओं को सुरक्षित रखा जा सके इसी उद्देश्य से शरदोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस प्रयास में चित्रकूट क्षेत्र की जनता जनार्दन के सहयोग से दीनदयाल शोध संस्थान का यह आयोजन पारम्परिक सांस्कृतिक कलाओं को मंच प्रदान कर उसे गौरवान्वित कर क्षेत्रीय लोगों को आनंद और सुख प्रदान करते हुए सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का माध्यम है।
उपरोक्त कार्यक्रम दीनदयाल परिसर में सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के विवेकानंद सभागार में प्रतिदिन शाम 7:00 बजे से आयोजित जा रहा है। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ रामनारायण त्रिपाठी संचालक गायत्री शक्तिपीठ चित्रकूट द्वारा किया गया ।
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