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Sunday, June 22, 2025
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तुलसीदास शिक्षा एवं विकाश समिति शोध संस्थान संस्था पांच प्रदेशों में कर रही जागरूकता का कार्य जल जीवन मिशन समेंत अन्य सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार का हो रहा काम

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धमतरी । तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति शोध संस्थान द्वारा जल जीवन मिशन योजना के प्रचार प्रसार जागरूकता अभियान धमतरी में किया जा रहा है। जानकारी देते हुए संस्था के सचिव चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने कार्य प्रगति रिपोर्ट देते हुये बताया कि चित्रकूट की संस्था तुलसीदास शिक्षा एवं विकाश समिति शोध संस्थान केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन पर छतीशगढ़ राज्य के धमतरी जिले पर कार्य कर रही है। तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति शोध संस्थान बिगत दिनांक को ग्राम पंचायत सेमरा (डी) के ग्रामीणों से संपर्क बनाकर संस्था द्वारा जानकारी दी गई , जिसमें गंदे पानी प्रावधान एवं जल को बचाने हेतु उपयुक्त उपयोग को बताया और सिखाया गया साथ ही साथ कीचन गार्डन के बारे बताया गया ।
गाँव का भ्रमण कर सरकारी भवन और गांव में पोस्टर चिपकाया गया जल परीक्षण किया गया फेरूल के बारे मे जानकारी दी गई जल कर क्यो आवश्यक है समझाया गया सोख्ता गडढा की उपयोगिता के बारे मे जानकारी दी गई, ग्रामीणों को जानकारी दी गई कि नल में से पानी खींचने के लिए मोटर पंप न लगाए, इसके लिए नल के पास एक टैंक बना लीजिए और मोटर पंप नल में ना लगाकर उस टैंक में लगाएं जो नल के पास बनाए है इससे किसी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होगी और आपके छत के वाटर टैंक में पानी भी चला जायेगा । सरपंच एवं सचिवों के माध्यम से ग्राम सभा आयोजित कर योजना के लागत का 5 व 10ः का अंशदान लेना है। गांव के हितग्राहियों को भी सहयोग के लिए प्रेरित किया गया
इस तरह की जानकारी पा कर सभी ग्रामीण वासी खुश हुए ।प्राजेकट का उददेश्य है हर घर नल हर घर जल के तहत काम कर रही है । संस्था द्वारा धमतरी ब्लॉक के चालीस गांवों में ब्यापक प्रचार प्रसार का काम किया जा रहा है। संस्था द्वारा ग्राम भरारी, पुरी, समेत संस्था द्वारा धमतरी ब्लाक के सभी चालीस गांवों के प्राथमिक शाला के छात्र छात्राओं को एवं ग्राम पंचायत में हाथ धोने की विधि तथा जल बचाने के तरीके को बताया जाता है। सभी ग्रामीणों को जानकारी दी जाती है कि गंदे पानी का प्रयोग न करे। जल बचाव के तरीकों को बेहतर ढंग से बताया जाता है। ग्रामीणों को किचेन गार्डन एवं सोखता गढढे बनाकर गंदले पानी का पुनरुपयोग पर पुरी जानकारी दी जाती है। साथ ही जल के उचित उपयोग तथा जल संरक्षण के लाभ बताए जाते है। यह भी बताया जाता है कि जल जनित बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। इस समय जल गुणवत्ता पखवाड़ा के तहत जल परीक्षण की विधि बताई जाती है। जल जीवन मिशन के तहत सभी गांव में हर घर नल हर घर जल मिशन के अंतर्गत ग्राम वासियों को जानकारी दी जाती है कि 55 लीटर जल प्रति व्यक्ति को मुहैया कराया जायेगा । जो प्रत्येक परिवार के लिए पर्याप्त होगा । सभी नल कनेक्शन में फेरू लगाने पर जोर दिया जाता है जिससे पानी का गलत उपयोग न किया जा सके। सभी लोगों को जागरूक कराया गया की नल का गलत उपयोग न करे जैसे नल चालू छोड़ देना या नल में मोटर पंप लगाना इस तरह का कार्य नहीं करने की जानकारी दी जाती है । स्कूलो, आंगनवाड़ियों में बच्चो के बीच प्रभात भेरी एवं रैली के माध्यम से जल जागरूकता की जा रही है । जागरूकता टीम को सफल बनाने में संस्थान के सचिव चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, टीम लीडर रीना चंद्राकार, कनिष्क चंद्राकर, गोविंद चंद्राकार रहते है ।

 

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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