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Monday, June 23, 2025
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गांव के NGO भी अब डिजिटल – CPD की मदद से ऑनलाइन पहचान बना रहे हैं

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चित्रकूट | विशेष रिपोर्ट
गांवों में वर्षों से समाज सेवा कर रहे छोटे-छोटे NGO अब तकनीकी युग के साथ कदमताल मिलाने लगे हैं। अब ये संगठन सिर्फ कागज़ी कामकाज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि CPD Associates & Legal Consultants की मदद से अपनी डिजिटल पहचान बना रहे हैं — जिससे न सिर्फ उनकी पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि फंडिंग और जनसंपर्क में भी क्रांतिकारी बदलाव आया है।

गांव के संगठन, अब ग्लोबल मंच पर

कई ग्रामीण सामाजिक संगठनों ने CPD की सलाह और तकनीकी मार्गदर्शन से अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया पेज, ईमेल आईडी और गूगल मैप पर उपस्थिति दर्ज कराई है। ये कदम छोटे NGO को बड़ी पहचान दिलाने में मदद कर रहे हैं। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के कई FPO (Farmer Producer Organisations), महिला स्वंय सहायता समूह और शिक्षा/स्वास्थ्य आधारित संस्थाएं अब डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी उपलब्धियों और ज़मीनी कार्यों को प्रस्तुत कर पा रही हैं।

क्या कर रही है CPD?

CPD Associates & Legal Consultants, जो स्वयं चित्रकूट से संचालित होती है, ग्रामीण संस्थाओं को निम्नलिखित डिजिटल सहायता प्रदान कर रही है:

  • NGO की प्रोफ़ाइल, प्रोजेक्ट रिपोर्ट और कानूनी दस्तावेज़ों की डिजिटलीकरण

  • वेबसाइट डिज़ाइन और सोशल मीडिया मैनेजमेंट

  • CSR और सरकारी फंडिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

  • डिजिटल मार्केटिंग और SEO आधारित प्रमोशन

  • NGO Darpan, 12A/80G, FCRA जैसे पंजीकरण/नवीनीकरण में तकनीकी मार्गदर्शन

डिजिटल बनने के लाभ

ग्राम आधारित NGO के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आना केवल आधुनिकता का प्रतीक नहीं, बल्कि एक सशक्तिकरण का माध्यम बन गया है। इससे:

  • फंडिंग एजेंसियों के साथ संपर्क सरल हुआ है।

  • जनभागीदारी और जागरूकता में वृद्धि हुई है।

  • कामकाज की पारदर्शिता और सार्वजनिक विश्वास में मजबूती आई है।

  • युवा कार्यकर्ताओं को तकनीकी प्रशिक्षण के अवसर मिले हैं।

स्थानीय से राष्ट्रीय पहचान की ओर

चित्रकूट के पास एक छोटे से गांव में काम कर रही ‘महिला कल्याण समिति’ अब अपनी वेबसाइट और फेसबुक पेज के ज़रिए प्रदेश स्तर की सरकारी योजनाओं तक पहुंच बना रही है। संस्था की सचिव कहती हैं, “पहले लोग हमें सिर्फ गांव का संगठन समझते थे, अब हमारे पेज पर दिल्ली से भी कॉल आते हैं।”

बदलाव की बयार

आज जब हर क्षेत्र में डिजिटल बदलाव की बयार बह रही है, ग्रामीण NGO को पीछे नहीं रहना चाहिए। CPD जैसे संस्थान इन संगठनों के लिए पुल की भूमिका निभा रहे हैं – जो गांव और ग्लोबल के बीच की दूरी को पाट रहे हैं।


आपका NGO भी डिजिटल बनना चाहता है?
तो संपर्क करें:
📧 info.cpdgroup@gmail.com
📞 +91-7398070622
CPD Associates & Legal Consultants – गांव से ग्लोबल की यात्रा में आपका साथी।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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