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Sunday, June 22, 2025
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कर्वी: जिला प्रशासन ने अस्थायी बस स्टैंड किया सील, यात्री परेशान – जाम से निजात दिलाने की कवायद या जल्दबाज़ी में लिया गया फैसला? – बसों की छुट्टी, अफसरों की ड्यूटी — कर्वी स्टैंड पर नया तमाशा

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चित्रकूट (कर्वी), 6 जून। कर्वी नगर के केंद्र में स्थित अस्थायी बस स्टैंड को जिला प्रशासन ने गुरुवार रात अचानक सील कर दिया। इस फैसले से शहर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यात्री और बस संचालक जहां असमंजस में नजर आए, वहीं स्थानीय दुकानदार और ठेले-खोमचे वाले भी इस कार्रवाई से प्रभावित हुए हैं।

जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. के मार्गदर्शन में यह कार्रवाई अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) उमेश चंद्र निगम और उप जिलाधिकारी/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूजा साहू की अगुवाई में की गई। प्रशासन ने पूरे इलाके को बैरिकेडिंग लगाकर घेर लिया और बसों का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया।

प्रशासन की दलील: नया बस स्टैंड “बेड़ी पुलिया” पर

प्रशासन का कहना है कि कर्वी शहर में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ की समस्या को देखते हुए, बेड़ी पुलिया पर एक नया बस स्टैंड विकसित किया गया है। अब से सभी बसों का संचालन वहीं से किया जाएगा।

इस मौके पर तहसीलदार चंद्रकांत तिवारी, अधिशासी अधिकारी लालजी यादव, कोतवाली प्रभारी उपेंद्र सिंह, नायक तहसीलदार मंगल यादव सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात रहे और हालात की निगरानी करते रहे।

जनता की प्रतिक्रिया: बिना पूर्व सूचना के क्यों?

हालांकि, आम नागरिकों और यात्रियों में इस कार्रवाई को लेकर नाराजगी देखी गई। उनका कहना है कि इस तरह का फैसला यदि पूर्व सूचना और जनहित संवाद के बाद लिया जाता, तो अधिक व्यावहारिक होता। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा,

“हमारे रोज़गार का ठिकाना यही बस स्टैंड है, अब हमें समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करेंगे।”

वहीं, एक बुज़ुर्ग यात्री बोले,

“हमें नहीं पता था कि बस अब यहां से नहीं चलेगी। बिना बताए इस तरह हटाना कहां की समझदारी है?”

सवाल भी उठे: क्या नई व्यवस्था तैयार है?

हालांकि प्रशासन ने बेड़ी पुलिया बस स्टैंड की घोषणा की है, लेकिन वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी और सूचना के अभाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं।  बड़ा सवाल बन गया है।  प्रशासन के इस अचानक फैसले से जहां एक ओर यातायात सुगम बनाने की मंशा दिखती है, वहीं दूसरी ओर यात्रियों और दुकानदारों की परेशानी, सूचना की कमी और विकल्प की अनुपलब्धता एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई है। यदि इस बदलाव को सही तरीके से लागू करना है, तो जनसंवाद, सुविधा और समयबद्ध तैयारी आवश्यक है।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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