spot_img
Sunday, June 22, 2025
spot_img
Homeचित्रकूटप्रेम का पंचनामा : जब गांव बना कचहरी और मंदिर बनी मंडप!

प्रेम का पंचनामा : जब गांव बना कचहरी और मंदिर बनी मंडप!

-

सरस भावना प्रतिनिधि | चित्रकूट | सरधुआं थाना क्षेत्र

कामतानाथ के दर्शन का बहाना बनाकर दो युवक अपने-अपने प्यार से मिलने खोपा गांव पहुंच गए। दोनों लड़कियाँ पहले से गांव में थीं, लड़कों की योजना थी कि चुपचाप मिलें और लौट जाएं—but गांव की ज़मीन पर मोहब्बत इतनी आसानी से पचती नहीं।

गांववालों ने दोनों जोड़ों को रंगे हाथों पकड़ लिया। फिर क्या था—मौके पर ही जन पंचायत लग गई, दोनों लड़कों की जमकर धुनाई हुई। किसी के हाथ में डंडा था, किसी के सवाल में आग। लड़कों ने हाथ जोड़े, कान पकड़े, लेकिन जनता जनार्दन तय करके आई थी—अब प्यार किया है तो भुगतना भी पड़ेगा।

धुनाई के बाद सीधे गांव के मंदिर में ले जाकर दोनों की सगाई करवा दी गई। बीच में पुलिस भी पहुंची लेकिन गांव वालों ने साफ कहा—हमने मामला रफा-दफा कर दिया है। दोनों पक्ष निषाद बिरादरी से थे, रिश्तेदारी भी जुड़ी थी, सो समझौते की ज़मीन तैयार हो गई।

अब दोनों जोड़ो की शादी कोर्ट के रास्ते होगी। गांव में चर्चा गरम है—दर्शन तो हो गए कामतानाथ के, पर विवाह दर्शन से भी भारी पड़ गया।

गांव के सीसीटीवी बने ग्रामीण

युवकों के हावभाव कुछ यूं थे कि गांव के चौकन्ने नागरिकों ने तुरंत पकड़ लिया। पूछताछ शुरू हुई, और जल्द ही खुलासा हुआ कि दोनों युवक, निषाद समाज की उन्हीं दो लड़कियों से मिलने आए हैं, जो इन दिनों खोपा गांव में आई हुई थीं।

प्यार पर पहरा और फिर पंचायत का फैसला

गांव वालों ने ‘सामाजिक न्याय व्यवस्था’ को तुरंत सक्रिय करते हुए युवकों की सार्वजनिक धुनाई की और फिर मंदिर में बैठाकर ‘सगाई’ करवा दी। रिश्तेदारियां और समाज की इज़्ज़त के नाम पर सारा प्रेम तंत्र विधिपूर्वक सुलझा दिया गया।

पुलिस आई, पर प्रेम जीत गया

सरधुआ थाना पुलिस जब मौके पर पहुंची तो माहौल पहले से सधा हुआ था। दोनों पक्षों में सहमति बन चुकी थी कि अब विवाह कानूनी प्रक्रिया से किया जाएगा।

मोबाइल मीडिया का कमाल

पूरे घटनाक्रम को ग्रामीणों ने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रहा है। तस्वीरों में गांव के मंदिर, गुस्साए ग्रामीण और झुकी निगाहों वाले प्रेमी देखे जा सकते हैं।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
3,865FollowersFollow
22,200SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts