जनपद चित्रकूट के राजापुर तहसील क्षेत्र के रगौली गांव निवासी अन्नू मिश्रा आज तिरहार क्षेत्र की जमीनी आवाज बन चुके हैं। गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली से महज 7 किलोमीटर दूर बसे इस छोटे से गांव से निकले अन्नू ने पत्रकारिता और समाजसेवा को अपने जीवन का मकसद बना लिया है। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इलाहाबाद में एसएससी की तैयारी की, लेकिन जब वे वापस गांव लौटे तो तिरहार क्षेत्र की हकीकत ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया।
अन्नू मिश्रा ने संपादक बड़का पंडित को बताया कि गांवों में आज भी सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं केवल वादों तक सीमित हैं। इस स्थिति को देखकर उन्होंने कलम और कैमरा उठाया और पत्रकारिता के जरिए इन मुद्दों को उजागर करना शुरू किया। उन्होंने न केवल खबरें लिखीं, बल्कि शासन-प्रशासन तक समस्याओं की वास्तविक तस्वीर पहुंचाने का कार्य किया। उनके अनुसार पत्रकारिता उनके लिए केवल एक पेशा नहीं, बल्कि बदलाव लाने का माध्यम है।
वर्ष 2019 में पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले अन्नू मिश्रा ने राष्ट्रीय सहारा, जन एक्सप्रेस, प्रजातंत्र टीवी, तिजारत, साधना टीवी और आन्या एक्सप्रेस जैसे प्रमुख अखबारों और चैनलों में काम किया है। वर्तमान में वे ‘आन्या एक्सप्रेस’ समाचार पत्र में चित्रकूट जिले के ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। इसके साथ ही वे नेशनल मीडिया प्रेस क्लब चित्रकूट के जिलाध्यक्ष के रूप में पत्रकारों की समस्याओं के लिए भी लगातार संघर्ष कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के दौरान जब पूरा देश लॉकडाउन में थमा हुआ था, तब अन्नू मिश्रा ने समाजसेवा की एक मिसाल पेश की। अटल जन शक्ति संगठन के जिलाध्यक्ष के रूप में उन्होंने जिले में जरूरतमंदों तक लगातार भोजन और जरूरी सामग्री पहुंचाई। उनका यह सेवा कार्य बिना रुके कई हफ्तों तक चलता रहा, जिसमें उन्होंने अपने जीवन की चिंता किए बिना लोगों की चिंता को प्राथमिकता दी।
अन्नू मिश्रा पर्यावरण को लेकर भी संवेदनशील हैं। हर वर्ष वे अटल जन शक्ति संगठन के बैनर तले वृक्षारोपण अभियान चलाते हैं और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हैं। वे मानते हैं कि सिर्फ खबरें लिखना ही काफी नहीं है, पत्रकार को समाज में सकारात्मक बदलाव की भूमिका भी निभानी चाहिए।
अपने तिरहार क्षेत्र के लिए उनकी सबसे बड़ी चिंता बरुआ-रगौली संपर्क मार्ग है, जो वर्षों से बदहाल है। इस मार्ग की दुर्दशा को लेकर उन्होंने लगातार खबरें प्रकाशित की हैं और आज भी इसकी मरम्मत व निर्माण को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक तिरहार क्षेत्र की बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो जाता, तब तक उनकी कलम और आवाज थमेगी नहीं।