Thursday, July 10, 2025
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स्वरोजगार की राह पर चित्रकूट: बिना ब्याज के मिल रहा युवाओं को ₹5 लाख तक का ऋण

स्वावलंबन का सपना अब चित्रकूट के युवाओं के लिए साकार होता दिख रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान” ने यहां के युवाओं में नया उत्साह भर दिया है। बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए यह योजना एक ऐसा रास्ता बनकर आई है, जो उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दे रही है।

इस योजना के तहत युवाओं को ₹5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे अपना खुद का उद्यम शुरू कर सकें। वित्तीय वर्ष 2025-26 में चित्रकूट जनपद को 1200 लाभार्थियों का लक्ष्य मिला है।
उप आयुक्त उद्योग श्री एस.के. केशरवानी के अनुसार, बीते तीन माह में ही 463 आवेदन प्राप्त हुए हैं और अब तक 170 युवाओं को ऋण वितरित भी किया जा चुका है। इसका सीधा अर्थ है – युवा अब नौकरी ढूंढने से ज़्यादा, अपना कारोबार शुरू करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ 21 से 40 वर्ष की आयु के वे युवक-युवतियाँ उठा सकते हैं, जिन्होंने कम से कम 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई की हो। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और निःशुल्क है। इच्छुक युवा www.msme.up.gov.in पोर्टल पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं।

एक बड़ी राहत की बात यह भी है कि अब प्रोजेक्ट रिपोर्ट के लिए भी इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है। ऑनलाइन पोर्टल पर जैसे ही आवेदक अपनी जानकारी भरता है, प्रोजेक्ट रिपोर्ट स्वतः जनरेट होकर निःशुल्क उपलब्ध हो जाती है।

कौन-कौन से उद्योग खोल सकते हैं युवा?
सरकार ने कुछ प्राथमिक उद्योगों की सूची भी सुझाई है, जिनमें प्रशिक्षण और बाज़ार की उपलब्धता अपेक्षाकृत आसान है। इनमें प्रमुख हैं –

मिनी राइस मिल

दोना-पत्तल निर्माण

सिलाई-कढ़ाई केंद्र

टेन्ट हाउस

बेकरी प्रोडक्ट यूनिट

अगरबत्ती निर्माण

दूध से जुड़े उत्पाद

ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग आदि।

ऋण की शर्तें और सब्सिडी का लाभ
योजना के तहत ₹5 लाख तक की परियोजनाओं पर मिलने वाला ऋण पूरी तरह ब्याज मुक्त होगा। यह लाभ अधिकतम 4 वर्षों तक मिलेगा। कुल परियोजना लागत का कम से कम 10% अंशदान स्वयं लाभार्थी को देना होगा और 10% मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में सरकार देगी, जो सीधे बैंक से लिंक होगी।

हालांकि कुछ गतिविधियों को योजना से बाहर रखा गया है। जैसे – गुटखा, तंबाकू, शराब, पटाखा निर्माण, कार्बोनेटेड ड्रिंक, और 40 माइक्रॉन से कम की प्लास्टिक कैरी बैग। इन प्रतिबंधित उत्पादों पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

बैंकों को दिए गए हैं स्पष्ट निर्देश
योजना की मॉनिटरिंग मिशन निदेशक (लखनऊ) और जिलाधिकारी चित्रकूट स्वयं कर रहे हैं। जिलाधिकारी द्वारा बैंकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि योजना की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए लंबित आवेदनों पर शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

पंजीकरण कैसे करें?
पंजीकरण केवल निर्धारित फार्म से ही मान्य होगा। इच्छुक अभ्यर्थी प्रत्येक कार्यदिवस को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक जिला उद्योग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। वहीं से योजना की विस्तृत जानकारी, प्रक्रिया और मार्गदर्शन भी प्राप्त किया जा सकता है।

युवाओं से आह्वान
अगर आप युवा हैं, कुछ नया शुरू करने का जज़्बा रखते हैं, और अपने गांव-घर में रहकर रोजगार पाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए है। बिना किसी दलाल के, बिना किसी खर्च के – सरकारी मदद लेकर खुद का कारोबार शुरू करें, और चित्रकूट को आत्मनिर्भर जनपद बनाने में अपना योगदान दें।

 

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय : चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी हैऔर शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
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