Thursday, July 10, 2025
Homeचित्रकूट विशेषचित्रकूट में प्राकृतिक रबर उत्पादन की ओर बड़ा कदम — ग्रामोदय विश्वविद्यालय...

चित्रकूट में प्राकृतिक रबर उत्पादन की ओर बड़ा कदम — ग्रामोदय विश्वविद्यालय और रबर बोर्ड के संयुक्त प्रयास से रबर प्लांटेशन कार्यक्रम का शुभारंभ

1.7 एकड़ में 300 पौधों का रोपण, छह वर्षों में मिलेगा उत्पादन, किसानों को मिलेगा नया विकल्प

चित्रकूट, 6 जुलाई। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और भारत सरकार के रबर बोर्ड के बीच हुए अकादमिक समझौते (MOU) के तहत शनिवार को विश्वविद्यालय के कृषि प्रक्षेत्र रजौला में रबर प्लांटेशन परियोजना का औपचारिक शुभारंभ किया गया। इस परियोजना की शुरुआत 1.7 एकड़ भूमि पर 300 रबर पौधों के रोपण के साथ हुई। यह कार्यक्रम “फिजीबिलिटी स्टडी ऑन रबर प्लांटेशन इन मध्य प्रदेश” के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।

रबर बोर्ड के कार्यकारी निदेशक एम. वसंथागेशन और ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्रा ने पौधारोपण कर इस परियोजना की नींव रखी। कुलपति प्रो. मिश्रा ने इस पहल को कृषि और पर्यावरण दोनों के लिए परिवर्तनकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि रबर प्लांटेशन न केवल क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त करेगा, बल्कि इससे स्थानीय जलवायु पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्राकृतिक रबर उत्पादन में नई संभावनाएं
रबर बोर्ड के कार्यकारी निदेशक वसंथागेशन ने जानकारी दी कि रोपित पौधे छह वर्षों के भीतर प्राकृतिक रबर का उत्पादन शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि खुले खेतों में लगाए गए पौधे गमलों में उगाए गए पौधों की तुलना में कई गुना अधिक उत्पादन करते हैं, और इनसे प्राप्त रबर की गुणवत्ता और मूल्य भी अधिक होता है

उन्होंने कहा कि रबर प्लांटेशन एक दीर्घकालिक निवेश है, जो आने वाले वर्षों में स्थायी और लाभकारी कृषि विकल्प बन सकता है। साथ ही, शुरुआती वर्षों में किसान सहफसली खेती (intercropping) कर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगे।

कार्यक्रम का आयोजन और सहभागिता
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. एचएस कुशवाहा और सह संयोजक डॉ. शिव शंकर सिंह ने आयोजन की रूपरेखा और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह परियोजना न केवल एक शैक्षणिक अनुसंधान का हिस्सा है, बल्कि यह स्थानीय कृषकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देने और नई कृषि तकनीकों से जोड़ने का भी माध्यम बनेगी।

इस अवसर पर रबर बोर्ड के वैज्ञानिक, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के शिक्षकगण, शोधार्थी, छात्र-छात्राएँ एवं कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

निष्कर्ष – 
चित्रकूट में इस रबर प्लांटेशन कार्यक्रम की शुरुआत एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखी जा रही है, जिससे स्थानीय कृषि को नया आयाम मिलेगा। यह पहल कृषि नवाचार, ग्रामीण रोजगार और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करती है।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय : चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी हैऔर शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments