Thursday, July 10, 2025
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मीटिंग तो हुई साहब… पर बिजली अब भी कट रही है!, मीटिंग, माइक और मीठे आश्वासन: बिजली नहीं आई, पर अधिकारी जरूर आए!”

चित्रकूट में गर्मी अपनी चरम सीमा पर है। पंखा घूमे न घूमे, मगर विभागीय मीटिंगों का पंखा खूब चल रहा है। ठीक एक जुलाई को ऐसा ही एक सरकारी झोंका कर्वी मुख्यालय में चला, जब डीवीवीएनएल आगरा के प्रबंध निदेशक श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिजली विभाग की वाणिज्यिक और तकनीकी समीक्षा बैठक हुई। मंच भरा हुआ था – माननीय विधायक मऊ-मानिकपुर श्री अविनाश चंद द्विवेदी, जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अशोक जाटव, भाजपा जिला अध्यक्ष महेन्द्र कोटार्य, को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष श्री पंकज अग्रवाल समेत तमाम अधिकारी, नेता, यूनियन और व्यापारी मौजूद थे।

बैठक का मूल उद्देश्य बताया गया – “जनपद में बिजली व्यवस्था की समीक्षा और समाधान”। लेकिन अंदरखाने की बात तो यह रही कि शिकायतों की बिजली तेज रही, समाधान की लाइन डगमग। सबसे पहले मानिकपुर के विधायक अविनाश द्विवेदी ने मौजूदा विजिलेंस टीम पर सीधा सवाल दाग दिया — “इनकी शिकायतें लगातार आ रही हैं। भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की बातें जनता में चल रही हैं। इससे सरकार की छवि खराब हो रही है, कृपया टीम बदली जाए।” विधायक जी यहीं नहीं रुके — ट्रांसफार्मर न बदले जाने, बिना कनेक्शन के बिल आने, 11 हजार वोल्ट की लाइनें घरों के ऊपर से जाने, और नए कनेक्शन में देरी जैसे मुद्दों की लिस्ट भी पढ़ दी।

उन्होंने यह भी कहा कि मानिकपुर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में अलग से पावर हाउस की आवश्यकता है। साफ है, विधायक जी इस बार ‘जनता की गर्मी’ को लेकर गंभीर थे – और उसे मीटिंग हॉल की एसी में नहीं छिपा सके। प्रबंध निदेशक नीतीश कुमार ने शिकायतें सुनीं, सर हिलाया और तुरंत कई ठोस निर्देश दे दिए। लेकिन इन निर्देशों की ठोसियत का स्तर आप यूँ समझिए , सभी SDO और JE अब व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगे, जिनमें जनप्रतिनिधि और पत्रकार जोड़े जाएंगे। गांव-गांव जाकर ग्राम चौपाल के ज़रिए समस्याओं का समाधान किया जाएगा। जहाँ कनेक्शन नहीं है वहाँ बिल नहीं जाना चाहिए। रोड पर लगाए गए पोल अब सड़क से दूरी बनाकर लगाए जाएं। और हाँ, राजस्व वसूली का लक्ष्य हर हाल में पूरा किया जाए। इन आदेशों के बीच ये तो कोई नहीं बोला कि “जहाँ बिजली नहीं आती, वहाँ मीटिंग भी न हो।”

किसानों के लिए एक ‘रियायत भरी चेतावनी’ भी दी गई। मार्च 2023 के बाद जिन्होंने ट्यूबवेल बिल जमा कर दिया है, उनके लिए बिजली फ्री है। बाकी किसानों से कहा गया – “बकाया बिल जमा करें, ब्याज माफ होगा।” यानी जो चुका चुका है वो ‘फ्रीवाला’, बाकी अभी भी मीटर की माया में उलझे हुए हैं। बैठक में मौजूदगी की लिस्ट लंबी थी। उपजिलाधिकारी कर्वी सुश्री पूजा साहू, डीसी एनआरएलएम श्री ओपी मिश्रा, मुख्य अभियंता बांदा राजेश कुमार, अधीक्षण अभियंता आरके यादव, अधिशासी अभियंता विपिन कुमार समेत जिले भर के सभी अधिशासी अभियंता, भाजपा युवा मोर्चा, किसान यूनियन और व्यापार मंडल के प्रतिनिधि शामिल रहे। कह सकते हैं कि “बिजली से ज्यादा अफसर मौजूद थे।” अब मीटिंग के बाद अफसर-जनप्रतिनिधि सेल्फी खिंचवाकर निकल लिए, और जनता फिर वही पुरानी लाइन में – कनेक्शन के लिए, शिकायत के लिए, और सबसे ऊपर – बिजली के इंतज़ार में।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय : चन्द्र प्रकाश द्विवेदी, चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी हैऔर शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
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