चित्रकूट जैसे धार्मिक नगर में अब फुल बॉडी मसाज के ऑफर सोशल मीडिया पर खुलेआम नजर आने लगे हैं। करवी स्थित एक कथित श् ैजंत ैचं – ैंसवदश् का फेसबुक विज्ञापन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें न केवल ‘फुल बॉडी मसाज’ का वादा किया गया है, बल्कि 25 प्रतिशत डिस्काउंट और मोबाइल नंबर के साथ ग्राहकों को तुरंत विजिट करने की भी अपील की गई है। पहली नजर में यह प्रचार एक सामान्य ब्यूटी सर्विस जैसा प्रतीत होता है, लेकिन जब यह चित्रकूट जैसे तीर्थस्थल में खुलेआम चल रहा हो, तो सवाल उठना लाजिमी है , आखिर यह सौंदर्य सेवा है या कुछ और?
विज्ञापन की भाषा और डिजाइन को देखकर कई स्थानीय नागरिकों ने आशंका जताई है कि कहीं यह श्स्पाश् किसी और श्सेवाश् की आड़ तो नहीं ले रहा? ष्फुल बॉडी मसाजष् जैसे शब्दों का सार्वजनिक इस्तेमाल, वह भी करवी जैसे छोटे शहर में, नैतिकता और सामाजिक मर्यादा की सीधी चुनौती बनता जा रहा है। क्या इस सेंटर के पास नगर पालिका से ट्रेड लाइसेंस है? क्या पुलिस प्रशासन ने इस पर कोई अनुमति या जांच दी है? अभी तक इन सवालों का जवाब प्रशासन की ओर से नहीं आया है।
स्थानीय व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार के स्पा और मसाज सेंटर बिना पंजीकरण और निगरानी के चलाए जा रहे हैं, और कुछ मामलों में यह देह व्यापार की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में जहां रोजगार और शिक्षा के लिए युवा संघर्ष कर रहे हैं, वहां इस तरह के ‘छूट वाले मसाज ऑफर’ युवाओं को बहकाने और महिलाओं के शोषण का नया जरिया बन सकते हैं।
फेसबुक पर इस प्रचार को बकायदा प्रमोट किया गया है, जिसमें ब्ंसस छवू का बटन और आकर्षक पृष्ठभूमि के साथ ग्राहकों को लुभाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस एड को लेकर नाराज़गी जताई है। कुछ ने इसे चित्रकूट की छवि को धूमिल करने वाला बताया, तो कुछ ने सीधे-सीधे सवाल उठाया कि ष्क्या धार्मिक नगरी अब स्पा कल्चर के नाम पर व्यापारिक वेश्यावृत्ति का अड्डा बन रही है?
अब तक जिला प्रशासन, पुलिस या नगर पालिका की ओर से इस वायरल एड पर कोई कार्रवाई या प्रतिक्रिया नहीं आई है। न तो इस बात की पुष्टि हुई है कि सेंटर के पास वैध दस्तावेज हैं, और न ही इस पर कोई छानबीन शुरू हुई है। यह चुप्पी और लापरवाही, स्थानीय शासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करती है।
इस बीच, नागरिकों की मांग है कि इस प्रकार के स्पा सेंटरों की सख्त जांच होनी चाहिए। यदि जांच में अनैतिक गतिविधियाँ पाई जाती हैं तो सेंटर को तुरंत बंद कर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी यह निर्देश देना होगा कि वे धार्मिक व सामाजिक मर्यादा के विपरीत ऐसे प्रचारों को बढ़ावा न दें।
बड़का पंडित की टिप्पणी में भी इस पूरे घटनाक्रम पर व्यंग्य के साथ सटीक तंज कसा गया हैरू ष्चित्रकूट में अब बॉडी मसाज भी डिस्काउंट में मिलने लगी है, चंद पैसों में तन की सेवा और मन की मर्यादा दोनों बिक रहे हैं। न पुलिस पूछ रही, न पालिका टोक रही, ब्यूटी पार्लर के नाम पर अब सब कुछ बिक रहा है लोक और लाज दोनों। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन जागेगा, या चित्रकूट की धार्मिक पहचान इसी तरह बाजार के सौदागरों के हाथों गिरवी रख दी जाएगी?