प्रधान संपादक – सरस भावना समाचार पत्र (चित्रकूट)
राष्ट्रीय अध्यक्ष – बुंदेली प्रेस क्लब
मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार | लेखक | राजनैतिक विश्लेषक | सामाजिक चिंतक
सी. पी. द्विवेदी एक वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षाविद और सामाजिक सरोकार रखने वाले चिंतक हैं, जो पिछले दो दशकों से "सरस भावना" अखबार के संपादक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में अपनी सेवाएं देकर पत्रकारिता और लेखन में गहरी पहचान बनाई है। अपने लेखन में वे राजनीति, समाज, शिक्षा, किसान, संविधान और बुंदेलखंड के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए एक वैचारिक दिशा और जनपक्षधर दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं।
वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। उनकी पहचान एक तेजस्वी लेखक, विचारशील वक्ता और जमीनी सच्चाई को उजागर करने वाले पत्रकार के रूप में है, जो बुंदेलखंड की मिट्टी और देश की चेतना – दोनों से गहराई से जुड़े हैं।
पुष्पा द्विवेदी
प्रकाशक एवं स्वामी – सरस भावना समाचार पत्र (चित्रकूट से प्रकाशित)
कोषाध्यक्ष – तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति (Tulsidas Society)
मैं सरस भावना समाचार पत्र की प्रकाशक एवं स्वामी के रूप में पिछले कई वर्षों से जन-सरोकारों, ग्रामीण समस्याओं, स्त्री-सशक्तिकरण और सांस्कृतिक विषयों को उजागर करने में सक्रिय हूं। मेरा मानना है कि पत्रकारिता केवल खबर देने का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना को जगाने और नीति-निर्धारण को प्रभावित करने का एक सशक्त औजार है। तुलसीदास सोसाइटी की कोषाध्यक्ष के रूप में, मैं चित्रकूट व बुंदेलखंड अंचल के ग्रामीण विकास, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, और युवाओं में नेतृत्व निर्माण जैसे क्षेत्रों में संस्था के प्रयासों को दिशा देने का कार्य कर रही हूं।
मेरे कार्य का मूल उद्देश्य है – आवाज़ देना उन लोगों को जिनकी बातें अक्सर अनसुनी रह जाती हैं।
भूपेन्द्र त्रिपाठी
जिला संवाददाता – सरस भावना समाचार पत्र (चित्रकूट)
सदस्य – तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति शोध संस्थान
लेखन विषय – कृषि, ग्रामीण विकास, सामाजिक मुद्दे
मैं सरस भावना समाचार पत्र में चित्रकूट जनपद के जिला संवाददाता के रूप में कार्यरत हूं। समाज के जमीनी मुद्दों, किसानों की समस्याओं, ग्राम्य जीवन के संघर्षों और स्थानीय विकास से जुड़े विषयों को रिपोर्टिंग के माध्यम से प्रमुखता से उठाने का प्रयास करता हूं। साथ ही, तुलसीदास शिक्षा एवं विकास समिति शोध संस्थान में सदस्य के रूप में सामाजिक सरोकारों, शिक्षा, और महिला सशक्तिकरण के लिए चल रहे प्रयासों में सक्रिय भागीदारी करता हूं। मैं नियमित रूप से कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, जल संकट, युवाओं की भागीदारी, एवं स्थानीय सांस्कृतिक चेतना जैसे विषयों पर लेखन करता हूं। मेरा उद्देश्य है – लेखनी को बदलाव का माध्यम बनाना।
घनश्याम द्विवेदी एक जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण प्रेमी और ग्रामीण चेतना के मजबूत स्वर हैं, जो चित्रकूट (उ.प्र.) के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य में गहराई से जुड़े हुए हैं। वह समाज के सबसे पिछड़े और हाशिए पर खड़े वर्गों की आवाज़ को न केवल उठाते हैं, बल्कि स्थानीय प्रशासन, मीडिया और जनप्रतिनिधियों को भी जनहित के मुद्दों पर जवाबदेह बनाते हैं।
पर्यावरण संरक्षण हो या ग्रामीण शिक्षा और स्वच्छता, घनश्याम जी किसी आयोजन या तामझाम के बजाय, ज़मीनी हस्तक्षेप और जनजागरण को प्राथमिकता देते हैं।
घनश्याम द्विवेदी का कार्यक्षेत्र:
पर्यावरणीय पारदर्शिता और संरक्षण
ग्रामीण शिक्षा और बाल अधिकार
भ्रष्टाचार विरोधी अभियान
जन-जागरूकता हेतु लेखन और जनसंपर्क उनका जुड़ाव सरस भावना मीडिया प्लेटफॉर्म से है, जहाँ वे जनसरोकारों पर धारदार रिपोर्टिंग और विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं।
“मैं मंच के लिए नहीं, समाज के लिए काम करता हूँ – बिना फोटो, बिना तमाशा, सिर्फ़ ज़मीनी असर के लिए।”
— घनश्याम द्विवेदी