Homeचित्रकूटचित्रकूट में होगा मिलेट्स महोत्सव, किया जायेगा किसानों को जागरूक

चित्रकूट में होगा मिलेट्स महोत्सव, किया जायेगा किसानों को जागरूक

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चित्रकूट । उप निदेशक कृषि राजकुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार के तहत मिलेट्स रेसिपी विकास एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के तहत जिला स्तरीय दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव 15-16 फरवरी को राष्ट्रीय रामायण मेला परिसर में सवेरे दस बजे से होगा। सोमवार को उप निदेशक कृषि राजकुमार ने बताया कि 15-16 फरवरी को सवेरे दस बजे जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द की अध्यक्षता में जिला स्तरीय दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम होगा। जिसमे मिलेट्स, मोटा अनाज बाबत किसानों को जागरूक किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों से अपने-अपने विभागों के स्टाल/प्रदर्शनी लगाने के साथ विभागीय तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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