Homeबुंदेलखंडजिला अस्पताल मे फिर एक मौत, डाक्टर पर लापरवाही का आरोप

जिला अस्पताल मे फिर एक मौत, डाक्टर पर लापरवाही का आरोप

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चित्रकूट ब्रेकिंग:- जिला अस्पताल मे फिर एक महिला की मौत का मामला आया है, डॉक्टरो द्वारा एक बार फिर इंजेक्शन लगने के तुरंत हुई मौत। जानकारी अनुसार जिला अस्पताल सोनेपुर में एक्सीडेंट मे घायल हुई महिला इलाज कराने आई,  महिला को इलाज के दौरान इंजेक्शन दिया गया जिसके लगते ही तुरंत बाद महिला की छटपटा कर मौत हो गई, परिजनों ने डॉक्टर की लापरवाही और गलत इंजेक्शन दिए जाने का लगाया आरोप, महिला जिला चिकित्सालय कर्वी चित्रकूट में थी भर्ती। मृतिका की बेटी ने कहा की मौत के बाद जब डॉक्टर को सूचना दी गई तो पलट कर कोई डॉक्टर देखने भी नहीं आया परिजनों का रो रो कर बुरा हाल। अपर एसपी चक्रपाणि त्रिपाठी ने परिजनों को ढांढस देते हुए कहा तहरीर मिलने पर पोस्टमार्टम के बाद कराई जाएगी जाँच की जाएगी.

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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