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जूनियर हाईस्कूलों के प्राइमरी में भर्ती पर रोक

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प्रयागराज, प्रदेशभर के सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों से संबद्ध अनुदानित प्राइमरी प्रभाग में शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। शासन को शिकायत मिली थी कि इन स्कूलों के प्रबंधक सगे संबंधियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से रिक्त पदों पर नियम विरुद्ध भर्ती कर रहे हैं।

बेसिक शिक्षा निदेशक ने 15 मार्च को शासन को पत्र लिखकर इस प्रकार की भर्ती पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। जिस पर शासन के विशेष सचिव ऋषिकेश दुबे ने छह जून को नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश बेसिक शिक्षा निदेशक को दिया है। इसके बाद अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) अनिल भूषण चतुर्वेदी की ओर से आठ जून को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भर्ती पर रोक लगाने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।

नियमावली में संशोधन की कार्रवाई विचाराधीन उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 3049 एडेड जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं। इनसे संबद्ध अनुदानित प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल नियमावली 1975 के अनुसार की जाती है। नियमावली में संशोधन की कार्रवाई विचाराधीन है। लिहाजा न सिर्फ भर्ती पर रोक लगाई गई है बल्कि यदि चयन की कार्रवाई प्रस्तावित हो तो उसे भी पूर्ण न करने के आदेश दिए गए हैं।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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