Homeबुंदेलखंडइंस्टाग्राम चलाने से मना करने पर किशोरी ने जान दी

इंस्टाग्राम चलाने से मना करने पर किशोरी ने जान दी

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चित्रकूट। इंस्टाग्राम में चैटिंग व वीडियो देख रही बेटी को मां ने डांट दिया। इससे क्षुब्ध होकर किशोरी फंदे पर झूल गई। जानकारी पर परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के सीतापुर स्थित रामायण मेला परिसर के पीछे की बस्ती का है। स्थानीय जितेंद्र कुमार व उसकी पत्नी नजमा मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। नजमा ने बताया कि शुक्रवार की काफी रात तक उसकी छोटी बेटी फिजा (15) मोबाइल चला रही थी। उसके पास गई तो देखा कि इंस्टाग्राम में कोई वीडियो चल रहा था। उसे डांटते हुए मोबाइल बंद कर सोने के लिए कहा। इस पर उसने मोबाइल बंद दिया। मां व अन्य परिजन की तरह वह भी बेड पर सो रही थी।

शनिवार की सुबह मां ने दूसरे कमरे में जाकर देखा तो फिजा दुपट्टे के फंदे से छज्जे के पास झूल रही थी। पूरे घर में चीख पुकार मच गई। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और फिर उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। देर शाम को परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया। मृतका तीन भाई व दो बहनों में छोटी थी। परिजनों ने बताया कि कक्षा आठ तक की पढ़ाई के बाद घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसने पढ़ाई बंद कर दी थी।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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