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रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती पर जनजातीय महिलाओं को साड़ी वितरण, नशा मुक्ति व स्वावलंबन पर दिया गया बल

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चित्रकूट(मध्य प्रदेश), 15 जून) रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के पूर्व अवसर पर इंटरनेशनल पायनियर्स क्लब द्वारा मझगंवा तहसील के आदिवासी बहुल ग्राम पटना कला में “शक्ति वंदन” कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान संस्था ने 101 आदिवासी महिलाओं को सनातनी पीत वस्त्र (साड़ियाँ) भेंट करते हुए उन्हें सामाजिक जागरूकता, नारी सम्मान और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया।

कार्यक्रम का आयोजन रानी दुर्गावती समिति, पटना कला के आह्वान पर किया गया। इंटरनेशनल पायनियर्स क्लब के अध्यक्ष श्री केशव शिवहरे ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि,“

वीरांगना रानी दुर्गावती और जनजातीय नायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को इस वर्ष जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। आगामी 24 जून को ग्राम में रानी दुर्गावती की प्रतिमा की स्थापना कर भव्य कार्यक्रम आयोजित होगा।”

उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास की सबसे बड़ी बाधा नशा और अशिक्षा है। इस दिशा में युवाओं को प्रेरित कर उन्हें नशामुक्त, शिक्षित और स्वावलंबी बनाना ही सच्चा राष्ट्रसेवा होगा। संस्था आपदा के समय विभिन्न राज्यों में सहयोग के लिए तत्पर रहती है और जनकल्याण के कार्य नियमित करती है।

कार्यक्रम में गायत्री शक्ति पीठ के संचालक व संस्था संरक्षक डॉ. रामनारायण त्रिपाठी ने कहा कि,

“यह गाँव राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि रहा है। भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसी विभूतियाँ भी यहाँ आकर जनजातीय उत्थान की प्रेरणा दे चुकी हैं। आने वाली पीढ़ी को देशभक्ति व संस्कारों से ओतप्रोत बनाना हमारी साझा जिम्मेदारी है।”

इस अवसर पर संस्था के डॉ. श्रीराम अग्रवाल, अशोक द्विवेदी, अमित अग्रहरि, विशाल अग्रवाल (प्रबंधक, जयपुरिया) सहित रानी दुर्गावती समिति के पदाधिकारी रामराज सिंह, सीताराम विश्वकर्मा, प्रमोद मरावी, महेंद्र नामदेव, देवमनी सिंह, यज्ञ प्रसाद, शशिकरण सिंह तथा बड़ी संख्या में आदिवासी महिला एवं पुरुष उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य केवल वस्त्र वितरण नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, नारी सशक्तिकरण और संविधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता भी था।

C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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