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बांदा की समाजसेवी संस्था को मिला ₹5 लाख का CSR फंड — CPD Associates की पेशेवर सलाह का असर

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बांदा, उत्तर प्रदेश |
बुंदेलखंड क्षेत्र में समाजसेवा की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज हुई है। बांदा जिले की एक स्थानीय समाजसेवी संस्था को ₹5 लाख रुपये का CSR (Corporate Social Responsibility) फंड प्राप्त हुआ है, और इस पूरी प्रक्रिया में CPD Associates & Legal Consultants की अहम भूमिका रही। यह फंड एक प्रतिष्ठित निजी कंपनी के CSR कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए दिया गया है।

यह खबर न केवल संबंधित संस्था के लिए, बल्कि पूरे बुंदेलखंड के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन और परामर्श से सीमित संसाधनों वाली संस्थाएं भी बड़े कॉर्पोरेट समर्थन तक पहुंच सकती हैं।


📌 CSR फंड क्या है, और क्यों है यह मदद महत्वपूर्ण?

CSR यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी — एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए बड़ी कंपनियां अपने मुनाफे का एक निर्धारित हिस्सा सामाजिक कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में निवेश करती हैं। भारत में CSR को कानूनी रूप से अनिवार्य किया गया है, और कंपनियों के लिए यह जरूरी है कि वे सामाजिक कार्यों में योगदान दें।

बांदा की यह संस्था वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं, बच्चों और वंचित समुदायों के लिए काम कर रही है। लेकिन संसाधनों और विशेषज्ञ परामर्श की कमी के चलते वे बड़ी परियोजनाओं तक नहीं पहुंच पा रही थीं। अब ₹5 लाख की यह पहली CSR ग्रांट संस्था के लिए बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है।


🏛️ CPD Associates ने निभाई मार्गदर्शक की भूमिका

इस फंडिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में CPD Associates & Legal Consultants ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संस्था को CSR ग्रांट प्राप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेज़ीकरण, परियोजना रिपोर्ट, CSR नीति अनुरूप प्रेजेंटेशन, कंपनी के साथ संवाद और कानूनी सहमति (MoU) की पूरी प्रक्रिया में विशेषज्ञ सहयोग प्रदान किया गया।

CPD Associates के संस्थापक व वरिष्ठ सलाहकार श्री चन्द्र प्रकाश द्विवेदी ने बताया:

“हमारे देश में हजारों छोटी संस्थाएं जमीनी स्तर पर बेहतरीन कार्य कर रही हैं, लेकिन उन्हें CSR जैसी योजनाओं तक पहुंचने का रास्ता नहीं मालूम। हमारा प्रयास है कि हम उन्हें यह रास्ता दिखाएं और उनके हाथ मजबूत करें।”


🎯 फंड का उपयोग कैसे होगा?

संस्था के अनुसार, इस ₹5 लाख के फंड का उपयोग मुख्यतः तीन प्रमुख क्षेत्रों में किया जाएगा:

  1. स्वच्छता एवं सैनिटेशन: गांवों में शौचालय, पीने के पानी और स्वच्छता को लेकर जागरूकता कार्यक्रम

  2. महिला स्वास्थ्य: मासिक धर्म स्वच्छता और पोषण पर केंद्रित कैंप

  3. स्कूल स्तर पर शिक्षा-सहयोग: ग्रामीण बच्चों के लिए लाइब्रेरी, शिक्षण सामग्री और नवाचार पर आधारित गतिविधियां

संस्था की सचिव ने कहा:

“पहली बार हमें किसी कॉरपोरेट फंडिंग का सीधा लाभ मिला है। CPD Associates की टीम ने हमें प्रोत्साहित किया, दस्तावेज तैयार कराए और हमें भरोसा दिलाया कि हम भी कर सकते हैं।”


📢 CSR और गैर-सरकारी संगठनों के लिए यह है एक मिसाल

यह खबर उन सभी समाजसेवी संगठनों के लिए प्रेरणास्रोत है जो सीमित संसाधनों के बावजूद समाज के लिए कार्य कर रहे हैं, लेकिन सही दिशा और सहयोग के अभाव में बड़ी मदद से वंचित रह जाते हैं।

CPD Associates & Legal Consultants न केवल लीगल और इनकम टैक्स मामलों में विशेषज्ञता रखते हैं, बल्कि उन्होंने CSR, NGO रणनीति, और प्रोजेक्ट डॉक्यूमेंटेशन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय पहचान बनाई है।


📞 संपर्क करें — यदि आपकी संस्था भी सहयोग चाहती है

अगर आप भी किसी संस्था से जुड़े हैं और चाहते हैं कि आपकी परियोजना को CSR फंडिंग मिले, तो CPD Associates की टीम से संपर्क करें।

ईमेल: info.cpdgroup@gmail.com
सेवाएं:

  • CSR प्रोजेक्ट डॉक्यूमेंटेशन

  • NGO/NPO रजिस्ट्रेशन

  • 12A, 80G, FCRA रजिस्ट्रेशन

  • इनकम टैक्स व लीगल सलाह

  • टेंडर व गवर्नमेंट प्रोजेक्ट परामर्श

बांदा जैसे जिले से CSR फंड प्राप्त करना यह दर्शाता है कि जब संकल्प, सही दिशा, और पेशेवर मार्गदर्शन मिलते हैं, तब बदलाव की शुरुआत संभव है। यह खबर सिर्फ एक फंडिंग की नहीं, बल्कि समाजिक परिवर्तन की ओर एक मजबूत कदम की है — और इस बदलाव की कहानी में CPD Associates & Legal Consultants एक भरोसेमंद नाम बनकर उभरे हैं।
C P Dwivedi
C P Dwivedihttps://sarasbhavna.com
लेखक परिचय: चंद्रप्रकाश द्विवेदी , चित्रकूट निवासी एक सक्रिय पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद् और सामाजिक विचारक हैं, जो पिछले दो दशकों से हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सरस भावना’ के संपादक के रूप में जनपक्षीय पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों से की और अपने लेखन तथा संपादन कौशल से बुंदेलखंड की पत्रकारिता को नई दिशा दी। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर (M.A.), कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री (M.Sc. CS), सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर (MSW), पत्रकारिता एवं जनसंचार में डिग्री, और क़ानूनी ज्ञान में स्नातक (L.L.B.) की शिक्षा प्राप्त की है। वे एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं — एक संवेदनशील पत्रकार, प्रतिबद्ध समाजसेवी, करियर काउंसलर, राजनीतिक विश्लेषक, अधिवक्ता और व्यंग्यकार। वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि परिवर्तन और ग्रामीण विकास जैसे जनहित से जुड़े विषयों पर निरंतर काम कर रहे हैं। वर्तमान में वे बुंदेली प्रेस क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और सरकार से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकारों में शुमार हैं। लेखन नाम बड़का पंडित‘’ के नाम से वे राजनीतिक पाखंड, जातिवाद, दिखावटी विकास, मीडिया के पतन और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखे, मगर प्रभावशाली व्यंग्य लिखते हैं, जो समाज को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी लेखनी न सिर्फ व्यंग्य का माध्यम है, बल्कि बुंदेलखंड की पीड़ा, चेतना और संघर्ष की आवाज़ भी है।

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